मीडिया टुडे न्यूज़। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वारल हुए भाजपा के प्रत्याशियों के लिस्ट से रायगढ़ विधानसभा की राजनीतिक फ़िज़ा गर्म हो चुकी है। एक ओर रायगढ़ के चौक-चौराहों पर यह चर्चा आम हो चुकी है कि रायगढ़ में कांग्रेस अपने वर्तमान विधायक को ही प्रत्याशी के रूप में रिपीट करने जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा से ओ.पी. चौधरी का नाम वायरल लिस्ट में प्रत्याशी के रूप में घोषित दिखाया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप विश्वस्त सूत्र यह बता रहे हैं कि भाजपा के एक कद्दावर नेता 16 या 17 अक्टूबर को लगभग एक हजार कार्यकर्ता और समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी में प्रवेश कर सकते हैं। इसका परिणाम यह होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में रायगढ़ सीट आप को जा सकती है। इसका चुनावी गणित यह कहता है कि स्थानीय स्तर पर विधायक का विरोध कर रहे लोगों को एक विकल्प मिलेगा। इसके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर भाजपा के संभावित उम्मीदवार का विरोध कर रहे लोगों को भी एक विकल्प मिलेगा। वहीं चुनावी विशेषज्ञ यह कह रहे हैं कि जिस दल से बागी होता है, उस दल को बहुत अधिक हानि उठानी पड़ती है।
भाजपा के कद्दावर नेता का प्रभाव
भाजपा के उस कद्दावर नेता के विषय में बताया जाता है कि रायगढ़ विधानसभा में उनके अपने लगभग 5000 समर्थक और कार्यकर्ता हैं। इसका गम्भीर परिणाम भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। वहीं कांग्रेस के वर्तमान विधायक का विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं का भी समर्थन उस नेता को मिल सकता है।
इडी और सीबीआई के डर का प्रभाव
यह कहावत बहुत पुरानी है कि रस्सी उतना ही खींचो जितने में वह टूट मत जाए और आज का राजनैतिक सच भी यही है कि कहीं न कहीं चुनावों को प्रभावित करने के लिए ईडी और सीबीआई को भी कुछ जिम्मेदारियां सौंपी गई है। इसके कुछ दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहा है। यहां अगर उस डर से डराने का कार्य किया जाता है, तो उस स्थिति में आप की जीत और पक्की होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। उसके बाद यह मैसेज जनता में सीधा जाएगा कि उसे डराया जा रहा है और उस नेता को संवेदना वाला वोट मिलेगा। जो कि उसके जीत को स्वाभाविक बना देगा।
आप के स्वभाविक वोटर्स
आम आदमी पार्टी का देश के किसी भी राज्य में देखें तो उसके विषय में चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट को बहुत अधिक प्रभावित करती है। किन्तु यहां भाजपा के एक कद्दावर नेता का आप में जाना चुनावी समीकरण को सीधा जीत के द्वार की ओर ले जाता है। क्योंकि भाजपा के अतिरिक्त कांग्रेस के पारम्परिक वोट में भी आप सेंध लगा सकती है। आगामी चुनावी रण बहुत मजेदार होने वाला है, जिसपर हमारी नजर बनी रहेगी।
अभिषेक कुमार शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार / राजनीतिक विश्लेषक, रायगढ़ छत्तीसगढ़