मीडिया टुडे न्यूज़। मध्यप्रदेश क्योंकि कैलाश विजय वर्गीय जानते हैं कि विधानसभा 1 से चुनाव मे या और भी किसी अन्य विधानसभा से खड़े होने मे पाने के लिए कुछ खास नहीं है, लेकिन खोने के लिए सब कुछ दाव पर लगा हुआ है !
यदि पार्टी आलाकमान टिकिट बांटने से पहले कैलाश विजयववर्गीय से पूछ लेता कि क्या विधानसभा 1 से टिकिट उन्हें दे दे तो यह बात निश्चित है कि वो विधानसभा 1 से टिकिट लेने के लिए कतई तैय्यार न होते और वो भी उन परिस्थितियों में जहाँ उनके पुत्र के टिकिट पर तलवार लटकी हो!?
यदि विधानसभा 1 में आर एस एस का पूरा साथ कैलाश विजय वर्गीय को नहीं मिला तो उनका राजनीतिक कैरियर अस्त हो सकता है! और उसका प्रभाव उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय और उनके हनुमान रमेश मेंदोला के राजनीतिक भविष्य पर भी पड़ सकता है!
जो आदमी सरकार के कामों के लिए पिछले 10 सालो से उत्तरदायी नहीं है उसे अपने ही गृहशहर इंदौर से अपने ही परिवार के लोगों के खिलाफ खड़ा करने का राजनीतिक षड्यंत्र जिसने भी रचा होगा उसने मालवा नीमाड़ के कद्दावर और राष्ट्रीय स्तर के नेता कैलाश विजयवर्गीय पर एक तीर से दो नहीं कई निशाने साध दिए हैं!?
पहला निशाना 67 वर्षीय इस कद्दावर नेता के लिए यह है कि विधानसभा सभा 1 की सीट उनके लिए हलवा नहीं है!
विधानसभा 1 से भाजपा के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता से कटुता के उनके संबंध जगजाहिर है! वरिष्ठ भाजपा नेता और दिग्गज कवि सत्यनारायण सत्तन से भी उनके संबंध में आदरभाव वाली घनिष्ठता नहीं है! पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा से भी उनका 36 का आकड़ा है! इसी तरह उनके संबंध आर एस एस की नेता और महू से विधायक सुश्री उषा ठाकुर से भी कड़वाहट से भरे हुए हैं!
ब्राह्मण और यादव बहुल इस विधानसभा का वोटर ज्यादा बिकाऊ भी नहीं है! यादव वोट साधने के लिए कोई कद्दावर भाजपाई नेता भी भाजपा के पास नहीं है!
और सबसे बड़ी बात संजय शुक्ला के चचेरे भाई गोलू शुक्ला जो शुरू से भाजपा मे है और अभी आई डी ए के उपाध्याय पद पर कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त के साथ विराजमान मान है! कहा जाता है कि सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कृपा द्रष्टि उनके उपर है!
दूसरा निशाना उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय के टिकिट को संशय में डालकर उसके राजनीतिक भविष्य के साथ खिलवाड़ कर दिया! आकाश की तो हालत न घर का न घाट का जैसी हो गई है!
तीसरा लोकसभा का चुनाव इंदौर से लड़कर केंद्र में मंत्री पद का वो इस बात पर निर्भर करेगा कि यदि विधानसभा मे जीते और मुख्यमंत्री की रेस मे हार गए तो सांसद बनकर केंद्र सरकार मे कोई मंत्री पद पा लेंगे!
और कभी हार गए तो क्या भोपाल, क्या दिल्ली और क्या परिवार और संगी साथी! सब कुछ दाव पर लगा है!?
कैलाश विजयवर्गीय पिछले 10-12 सालो से सरकार के कामों के लिए उत्तरदायी नहीं है! क्योंकि उन्हें सरकार से अलग रखकर पूरे भारत में संगठन के कामों और संगठन की तरफ से दूरस्थ राज्यों में चुनावों का प्रभार दिया गया था!? इंदौर की विधानसभा 1 न तो उनका गृहक्षेत्र है! और न ही उनका राजनीतिक कर्मक्षेत्र हैं!
भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय विष्णुप्रसाद जी शुक्ला और उनके परिवार के प्रति स्नेहपूर्ण संबंध, सम्मान न सिर्फ कैलाश विजयवर्गीय के अंदर है वरन संजय शुक्ला और उनके चचेरे भाई गोलू शुक्ला जो आईडीए मे उपाध्यक्ष है वो भी कैलाश विजय वर्गीय को पिता तुल्य आदर देते हैं!
अब या तो किसी षड्यंत्र के तहत टिकिट दिया गया है! या फिर एसिड टेस्ट लिया जा रहा है!?