मीडिया टुडे न्यूज़। प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं अब चुनाव को कुछ दिन ही शेष रह गए हैं जिसे लेकर रायगढ़ सहित पूरे प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पहले 7 नवंबर को मतदान होंगे तो वही दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान किया जायेगा है। चुनाव को ध्यान में रखकर तमाम राजनैतिक दलों ने अपने अपने प्रत्यासी घोषित कर दिए हैं, पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए प्रचार की प्रक्रिया समाप्त हो गई है।
प्रदेश के इस चुनाव में रायगढ़ विधानसभा इसबार हॉट सीट बन गई है, यहां भाजपा ने इस बार खरसिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर हार चुके ओपी चौधरी की सीट बदलकर रायगढ़ से प्रत्यासी बनाया हैं वहीं यहां कांग्रेस ने प्रकाश नायक को एकबार फिर कांग्रेस से प्रत्यासी बनाया है, जिसके बाद से यहां चुनावी माहौल गर्म हो गया है।
यह सीट को लेकर पूरे प्रदेश में इसलिए भी चर्चा हो रही है क्योंकि इसबार भाजपा में 20 वर्षो से जुड़ी महिला नेत्री गोपिका गुप्ता ने भी निर्दलीय चुनाव लडने का एलान कर दिया है। ये महत्पूर्ण बात है क्योंकि यहां कोलता समाज के सबसे अधिक मतदाता है गोपिका गुप्ता जो भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रही है कोलता समाज से है ऐसे में भाजपा की डगर यहां आसान नहीं है।
आम आदमी पार्टी से गोपाल बापोडिया भी पूरी तैयारी में हैं, गोपाल बापोडिया शहर क्षेत्र से हैं, इसलिए उन्हें शहर में अधिक समर्थन मिलने की बात पर हर व्यक्ति सहमत दिख रहे हैं गोपाल बापोडिया एक युवा नेता है, इसी कारण आम आदमी पार्टी ने गोपाल बापोडिया को प्रत्यासी घोषित किया है, आम आदमी पार्टी के प्रत्यासी गोपाल बापोडिया अग्र समाज से आते हैं, ऐसे में यह भी चर्चा की जा रही है कि समाज का आशिर्वाद उनके साथ है, शहर में यह नाम एक जाना पहचाना नाम है, इसका लाभ भी आम आदमी पार्टी को मिल सकता है।
शंकर लाल अग्रवाल क्या भाजपा की बी टीम है?
शंकर लाल अग्रवाल कांग्रेस से नाराज होकर अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, इससे भी दोनो राष्ट्रीय दलों का समीकरण बिगड़ सकता है, रायगढ़ विधानसभा में बन रहे इन समीकरणों के कारण इस सीट में कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही नुकसान होने की बात कही जा रही है। बता दें कि इस बार जोगी कांग्रेस पार्टी की ओर से रायगढ़ की पूर्व महापौर मधुबाई भी चुनाव लड़ रही है जिन्होंने एकबार नगर निगम चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों का सफाया कर दिया था। ऐसे में अब मतदाताओं में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे शंकर अग्रवाल शहर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत नही बना पाए हैं
कहा जा रहा है अगर शंकर अग्रवाल शहर क्षेत्र में दौरा करते हैं तो उन्हें शहर से भी लाभ मिल सकता है।
रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुए अबतक चुनाव में यह पहला चुनाव होगा जिसमें इसबार रायगढ़ विधानसभा पर बड़े बड़े राजनीतिज्ञ भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हो रहे है, कहा जा रहा है कि सभी को वोटिंग का इंतजार है यहां 17 नवंबर को मतदान होगा। मजबूती की बात की जाए तो निर्दलीय महिला प्रत्यासी गोपिका गुप्ता पिछले कई वर्षो से क्षेत्र में लगातार दौरा कर रही है, वैसे उन्हे भाजपा से टिकट की उम्मीद थी पर उन्हे भाजपा ने प्रत्यासी न बनाकर ओपी चौधरी को प्रत्यासी बना दिया गया। जिसके बाद से गोपिका गुप्ता और उनके समर्थको में नाराजगी देखी जा रही है, नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडने का पूरा मन बना लिया है बताते हैं कि भाजपा के कई दिग्गज उन्हे मनाने भी गए थे पर बात नही बनी, चर्चा है कि गोपिका गुप्ता निर्दलीय चुनाव सिर्फ इसलिए ही लड़ रही है क्योंकि भाजपा ने रायगढ़ विधानसभा के किसी भी दावेदार को प्रत्यासी नही बनाया। कहा जा रहा है कि भाजपा ने रायगढ़ विधानसभा के नेताओं को इग्नोर कर दिया है इसी कारण वे भाजपा से नाराज हो गई है और यही कारण है कि गोपिका गुप्ता निर्दलीय चुनाव लड रही है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी को नुकसान पहुंचाएगी निर्दलीय प्रत्याशी गोपिका गुप्ता
20 वर्षो से क्षेत्र में निरंतर जन सेवा में सक्रिय निर्दलीय चुनाव लड रही नेत्री गोपिका गुप्ता ने जोरो सोरों से शहर में भी प्रचार प्रसार चालू कर दिया है इससे यह साफ दिख रहा है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों को नुकसान हो रहा है कांग्रेस के कुछ लोग निर्दलीय प्रत्याशी गोपिका गुप्ता को भाजपा की रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं, तो वही भाजपा इसे कांग्रेस की रणनीति बता रही है वैसे गोपीका गुप्ता कोतला समाज से है विदित हो कि कोलता समाज की संख्या रायगढ़ विधानसभा में बहुत अधिक है जिसमें अधिकतर लोगों का झुकाव भाजपा में देखा जाता है, तो वहीं कुछ लोगों का झुकाव कांग्रेस में भी माना जाता है। सामाजिक तौर पर देखा जाए तो गोपिका गुप्ता के चुनाव लडने से कोलता समाज अगर एकजुट हो जाता है तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को सीट गवानी भी पड़ सकती है, सूत्रों के हवाले से खबर भी आ रही है कि कोलता समाज एकजुट होकर गोपिका प्रमोद गुप्ता के सहयोग के लिए तैयार है, ऐसा अगर हकीकत में हो जाता है तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी कि निर्दलीय प्रत्याशी गोपिका गुप्ता की जीत भी तय हो सकती हैं, गोपिका गुप्ता पिछले कई वर्षो से शहर के विभिन्न कार्यक्रमों में सामिल हो रही है, जिसका लाभ भी उन्हें मिलने की पूरी संभावना है।
बता दें निर्दलीय प्रत्याशी गोपिका गुप्ता पुसौर विकासखंड से है जहां कांग्रेस और भाजपा दोनों को मजबूत माना जाता है पुसौर विकासखंड में गोपिका प्रमोद गुप्ता का भी काफी प्रभाव माना जा रहा है, कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महिला प्रत्यासी होने का पूरा लाभ गोपिका गुप्ता को मिल सकता है? चूंकि वे भाजपा से जुड़ी रही है तो निश्चित तौर पर भाजपा के वोट भी उनके पक्ष में पड़ेंगे ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है अगर ऐसा होता है तो इसमें भाजपा के लिए भी नुकसान माना जाएगा, बता दें गांव के अलावा शहर में भी गोपिका प्रमोद गुप्ता की अच्छी पकड़ मानी जाती है जिसका फायदा गोपिका गुप्ता को मिल सकता है, भाजपा प्रत्यासी ओपी चौधरी रायगढ़ विधानसभा के लिए बिल्कुल नए है ऐसे में उन्हें रायगढ़ की राजनीति से अंजान माना जा रहा है, यहां पिछले कई चुनावों में भाजपा के बड़े बड़े नेताओं की रणनीति फीकी पड़ चुकी हैं, रायगढ़ विधानसभा में ओपी चौधरी को बाहरी प्रत्यासी कहा जा रहा है यह भी एक बड़ा कारण है कि भाजपा को खुलकर लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। कई लोगो का कहना है कि भाजपा ने रायगढ़ विधानसभा के किसी नेता को टिकट दिया होता तो आज माहौल भाजपा के पक्ष में 100% दिखाई देता।
ओपी चौधरी को शहर में तमाम निर्दलीय प्रत्याशी देंगे चुनौती
इसबार फिर रायगढ़ विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबाला होते दिख रहा है रायगढ़ विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव जीतने के लिए जोरो आजमाईस कर रहे हैं, जिसमें एक नाम गोपिका गुप्ता का सबसे ज्यादा लिया जा रहा है जो पिछले कई वर्षों से रायगढ़ विधानसभा में सक्रिय हैं और अब निर्दलीय चुनाव लड़ी रही है गोपिका गुप्ता ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है अब उनका पूरा ध्यान शहर में लगा हुआ है, लोगों का मानना है निर्दलीय प्रत्याशी गोपिका गुप्ता गांव क्षेत्र से लीड कर रही है, अब शहर में भी प्रचार प्रसार जोरो से कर रही है ऐसा माना जा रहा है कि शहर के अधिक से अधिक मतदाताओं का वोट उन्हे मिल सकता है इसलिए निर्दलीय प्रत्यासी गोपिका गुप्ता पूरी ताकत के साथ शहर में चुनाव प्रचार कर रही हैं, ताकि शहर क्षेत्र में भी कांग्रेस और भाजपा दोनों को कड़ी टक्कर दिया जा सके। गोपिका गुप्ता के करीबियों ने इतना तक कह दिया है कि शहर में निर्दलीय प्रत्याशी गोपिका गुप्ता को 5 हजार के लगभग वोटों से लीड मिल सकती हैं? राजनीतिक समझ रखने वाले कुछ जानकर कह रहे हैं ऐसा इसलिए भी ही सकता है क्योंकि भाजपा ने दूसरे विधानसभा के नेता को रायगढ़ में प्रत्यासी बनाया है।