बरमकेला-सारंगढ़।अभिवाजित मध्यप्रदेश शासन काल में सारंगढ़ राज परिवार की काफी पकड़ मानी जाती थी तथा सारंगढ़ के राजा नरेशचन्द्र सिंह 13 मार्च 1969 से 25 मार्च 1969 तक 12 दिन के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जिसके कारण उनकी पकड़ मजबूत थी। राजा नरेशचंद्र सिंह की बेटी कमला देवी सिंह 25 साल की उम्र में मंत्री बनी।जनता शासन के तीन वर्ष को छोड़कर वह 1972 से राज्य पर शासन करने वाले सभी कांग्रेस मंत्रिमंडल में मंत्री रहीं हैं। क्योंकि कोई भी मुख्यमंत्री सारंगढ़ राज परिवार के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकता था। जिसके कारण उनके विधानसभा क्षेत्र में कई बड़े बड़े कार्य आसानी से होता था।एक दौर ऐसा था कि अधिकांश किसानों के खेतों में पानी नहीं होने के कारण किसानों की फसल सुखकर बर्बाद हो जाती थी और लोग भूखे प्यासे रहते थे।23 दिसंबर 1975 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ला बने और सारंगढ़ राज परिवार की कमला देवी मंत्री पद की शपथ लेते ही बरमकेला क्षेत्र के किसानों की धान की अच्छी फसल होने को लेकर मंत्रिमंडल की प्रथम बैठक में मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ला के समक्ष किसानों के सिंचाई के लिए किंकारी बांध बनाने की प्रस्ताव रखा और बरमकेला किंकारी बांध का निर्माण कार्य 1976 से प्रारम्भ होकर 6 साल के बाद 1982 में बांध बनकर तैयार हो गया। बरमकेला क्षेत्र के सैकड़ों गांव के किसानों के खेतों में सिचाई होने लगा जिससे किसानों के चेहरे खिलने लगी और उसी दिन से बरमकेला क्षेत्र के किसान समृद्ध होने लगे। मजदूरों को किसानों के खेतों में रोजगार मिलना शुरू हुआ। किंकारी बांध के कारण किसानों के खेतों में सिंचाई होने लगा और किसान आर्थिक संपन्न हुए और पड़ लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर जैसे उच्च अधिकारी बनने लगे।