महादेव ऐप मामला : ईडी का वह अफसर किसके इशारे पर भूपेश बघेल के खिलाफ बना रहा था दबाव

मीडिया टुडे न्यूज। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त में भूपेश बघेल का नाम आने के बाद जो प्रदेश में माहौल बनाया गया इस पूरे घटनाक्रम में अब धुआं साफ होता दिखाई पड़ रहा है वही इस है प्रोफाइल ड्रामे में बड़े राजनीति के दिग्गजों ने खूब खेल रचा जो असीम दास के बयान के बाद साफ हो चुका है।

महादेव ऐप पर सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ बयान देने वाले असीम दास ने कहा है कि, उसे ऐसा करने के लिए ED के एक अफसर ने कहा था।
सवाल उठता है, ED के उस अफसर को, ऐसा करने के लिए किसने कहा था?

छत्तीसगढ़ पुलिस को चाहिए कि, वह असीम दास के बयान के आधार पर FIR दर्ज करे और इसकी तफ्तीश कराए।

महादेव ऐप मामले में, जैसे ही ₹500 करोड़ की कथित डील, जो अब संदिग्ध है की बात सामने आई, वैसे ही तीन अप्रत्याशित घटनाएं हुई।

० ED की प्रेस कांफ्रेंस
० स्मृति ईरानी की प्रेस कांफ्रेंस
० पीएम के चुनावी भाषण में इसका उल्लेख
क्या मंत्री/पीएम की गलत बयानी के लिए ED जिम्मेदार नहीं है?

सवाल एक के बाद एक खड़े होते जा रहा है आखिर ऐसा करने पीछे इरादा क्या था सब कुछ सोची समझी रणनीति के अनुसार किया गया जिसका सीधा असर छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव में हुआ होगा जो आने वाले 3 दिसंबर को पता चल जायेगा की आखिर इतना बड़ा खेल का कितना असर प्रदेश की जनता पर पड़ा।

बहरहाल इस पूरे मामले पर गौर करे तो चुनाव के दरमियान सभी घटनाक्रमो के समय को देखे तो ईडी और केंद्र सरकार की भूमिका काफी संदिग्ध नजर आती है।  वही पूर्व में भी कई राजनैतिक पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप समय समय पर लगाया है,  जिसके अनुसार यह माना जा रहा है की 508 करोड़ वाले तथाकथित मामले में भी मोदी सरकार द्वारा जानबूझकर मामले को बढ़ा चढ़ा का मीडिया में पेश किया गया जिससे चुनाव में भाजपा को लाभ मिल सके।

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