अभिषेक कुमार शर्मा
मीडिया टुडे न्यूज़। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की सरगर्मी को देखते हुए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार दौरे कर रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के इस कार्यकाल में रायगढ़ विधानसभा के विधायक हमेशा से ही सुर्खियों में रहे हैं। प्रकाश नायक के चहरे की बनावट साउथ के हीरो के तरह दिखने के कारण सोशल मीडिया में वे बने रहते है, परन्तु उनका साउथ फिल्मों के जैसे कार्य करने जैसी अभी तक कोई दिलचस्पी देखी नही जा सकी है।
रायगढ़ के वर्तमान विधायक प्रकाश नायक एक प्रतिष्ठित राजनैतिक परिवार से आते है। पार्टी में उनके पारिवारिक दृष्टिकोण को देखते हुए रायगढ़ विधानसभा से उनको टिकट दी गई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा में फूट पड़ने के कारण भाजपा के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडा, जिसका फायदा अप्रत्यक्ष रूप से प्रकाश नायक को मिला, जिनकी वजह से वो जीत पाए, जिसका पूरा श्रेय पूर्व विधायक विजय अग्रवाल को जाता है।
निष्क्रिय विधायक के रूप में जनता के बीच बनी उनकी छवि पार्टी को कर सकती है निराश..!
विधायक प्रकाश नायक के बारे में अगर यूं कहे की वह बाई मिस्टेक विधायक बने, तो शायद ये अतिशयोक्ति ना होगी। इस बात का शायद उनको भी अहसास होगा। प्रकाश नायक ने विधायक बनने के बाद जनता के बीच ऐसी कोई छाप भी नही छोड़ी है, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में जनता उनको याद करे, हां विधायक के रूप में उनका बेहद निष्क्रिय रहना उनकी राजनैतिक उदासीनता को दर्शाता है। बरमकेला से उनका बचपन का नाता रहा है, पर अगर आप सरिया क्षेत्र से होते हुए बरमकेला का भ्रमण करे तो आप पाएंगे की उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगो की मांग को भी नही सुना। बरमकेला क्षेत्र की सड़कों की हालत बहुत बुरी है। लंबे समय से बरमकेला सरिया क्षेत्र के लोगांे की मांग रही है की सड़कों का पुनः निर्माण कराया जाए, ताकि क्षेत्र की जनता को अच्छी सड़क में परिवहन का सौभाग्य मिले, परंतु विधायक प्रकाश नायक ने जनता को बेहद निराश कर दिया है, जिससे इस विधानसभा चुनाव में उनका अपने ही क्षेत्र में जनाधार गिरता दिख रहा है।
बेरोजगारों के भविष्य को लेकर विधायक का उदासीन रवैया और वसूली प्रथा
इस साढ़े चार सालांे में विधायक प्रकाश नायक ने क्षेत्र के बेरोजगार युवकों के रोजगार के सपने को पूरा करने स्थानीय उद्योगो के विरुद्ध कोई आंदोलन नहीं चलाया, जिससे स्थानीय स्तर पर युवकों को रोजगार मिल पाए। अगर वे चाहते तो रायगढ़ जिले के उद्योगों में युवाओं को रोजगार दिलाने की मुहिम चला सकते थे, जिससे वे मिसाल के तौर पर जाने जाते। मिली जानकारी के अनुसार राजनैतिक गलियारों में स्थानीय उद्योगों से विधायक द्वारा वसूली करने संबंधी चर्चा जोरों से प्रचलित होती जा रही है। वही रायगढ़ के एक उद्योगपति द्वारा गत समय उनके जन्म दिन के अवसर पर महंगी गाड़ी गिफ्ट करने की चर्चा भी सोशल मीडिया में वायरल हुई थी।
बहरहाल ऐसे राजनैतिक परिदृश्य में आगामी विधानसभा चुनाव भी सर पर है। वर्तमान विधायक बेहद कमजोर स्थिति में नजर आ रहे है। वहीं कांग्रेस की प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा की ओर से ओपी चौधरी को चुनावी समर में उतरने की खबरे आ रही है। इन परिस्थितियों में कांग्रेस को जीताने वाले प्रत्याशी पर दाव लगाना होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा सीट जीतकर वह छत्तीसगढ़ में पुनः सरकार बना सके।