ललित कला, कविता लेखन कौशल से बच्चों की जीवन में आ रहा निखार…

सारंगढ़ शासकीय प्राथमिक शाला बुटीपारा स्कूल में प्रधान पाठक प्रियंका गोस्वामी बच्चों के अंदर छुपे संवेदनाओं और प्रतिभा को निखारने में लगी हैं।प्रियंका गोस्वामी स्वयं आशु कवयित्री हैं, वे नए पीढ़ी के बच्चों  को साहित्य गढ़ने की सीख दे रही है।सुश्री गोस्वामी कहती हैं कि प्रत्येक कविता के शब्द में छात्र के लिए प्रेरक संदेश होता हैं।कविता छात्रों को जीवन के चिरन्तन सत्य की ओर ले जाती है।
यदि हम चाहते है कि कविता के शिक्षण से छात्रों के व्यक्तित्व का समुचित विकास हो तो उन्हें स्व रचित काव्य लेखन हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए।गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के अनुसार “चयनित काव्य में भावना और अभिव्यक्ति का वास्‍तविक सौंदर्य होना चाहिए और वह सौंदर्य ऐसा हो जो छात्रों के मस्तिष्क और मन को प्रभावित कर सकें।”
कविता का चयन छात्र विकास की अवस्था के अनुकूल होना चाहिए। उसकी भाषा, भाव, छन्द और स्वरूप बालकों की आयु के अनुरूप होना चाहिए। यही कारण है कि उच्च प्राथमिक कक्षाओं में हम ऐसी कविताओं का चुनाव करते हैं, जिनकी भाषा सरल, भाव आसानी से ग्रहण करने योग्य हो।
सारंगढ़ विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला बुटीपारा में प्रधान पाठक श्रीमती प्रियंका गोस्वामी के कुशल मार्गदर्शन एवं प्रयास और निर्देशन में स्वरचित काव्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सिद्धि यादव कक्षा पाँचवी प्रथम स्थान, नन्दनी बरेठ कक्षा पांचवीं द्वितीय स्थान एवं सारिका यादव कक्षा चौथी तृतीय स्थान पर रही।प्रतियोगिता पश्चात प्रधान पाठक प्रियंका गोस्वामी ने स्वयं के व्यय से प्रथम, द्वितीय, तृतीय आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर विद्यालय के स्टॉफ चन्द्रकांति स्वर्णकार, रेखा यादव उपस्थित रही।दिए गए विषय पर प्राथमिक शाला के विद्यार्थी स्वरचित काव्य लेखन करते हैं ।
अभिभावकों ने इस अभिनव पहल हेतु शालेय परिवार को शुभकामनाएं प्रेषित की है।

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