शहर में धड़ल्ले से चल रहा है क्रिकेट सट्टे का कारोबार, करोड़ों के वारे न्यारे

मीडिया टुडे न्यूज़। सट्टा किसी भी खेल का हो यह एक सामाजिक अपवाद और बुराई है, जिसमे आज का युवा वर्ग लालच और जल्द पैसे बनाने के कारण इस दलदल में फंसता चला जाता है। क्रिकेट सट्टे के कारण ही पिछले कुछ महीनों पहले नगर के एक युवा व्यापारी द्वारा आत्म हत्या करने का मामला प्रकाश में आया था , जिसके बाद पुलिस विभाग हरकत में आया माहौल बना, शहर में सट्टे का खेल खिलाने वालो पर कार्यवाही की आस जगी रिजल्ट हासिल पाई जीरो।

 

पुलिस विभाग के अधिकारियों के शह पर फलने लगा है यह कारोबार
जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रो में तैनात पुलिस कर्मचारियों को इस कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों के बारे में जानकारी होने के बावजूद ऐसे व्यक्तियों या खैवालो पर पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही ना करना पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है। रायगढ़ शहर के कई मोहल्लों में क्रिकेट सट्टे का काम खुले आम चल रहा है? जिससे आज का युवा वर्ग इनके चंगुल में फसकर बर्बाद हो रहा है और खेल खिलाने वाले आबाद।

मिली जानकारी के अनुसार शहर में क्रिकेट खैवालो का एक बड़ा समूह वर्तमान में बेहद सक्रिय है जो मोबाइल के माध्यम से सट्टे का कारोबार घर बैठे मैच के दौरान क्रिकेट सट्टे के काम को कर रहे है और आज की नई युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे है।
मीडिया टुडे न्यूज़ द्वारा ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है जो सट्टे के गोरख धंधे में है जिससे उन व्यक्तियों की पहचान कर आम जनता को आगाह किया जा सके एवं शहर में चल रहे इस अवैध धंधे को फलने फूलने से रोका जा सके। पुलिस अधीक्षक द्वारा आने वाले कुछ दिनों में कार्यवाही करने की जानकारी भी मिल रही है जिससे शहर में बर्बाद होने और भविष्य में आत्म हत्या जैसी घटना पर लगाम लगने की उम्मीद दिख रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में सिंधी कालोनी , हंडी चौक , पैलेस रोड , जूटमिल और एक रिहायशी कालोनी में क्रिकेट सट्टे का कारोबार घर बैठे चलाने की जानकारी भी सामने आई है हम समाचार के अगले अंक में ऐसे व्यक्तियों के नामों और कई मोबाइल नंबर भी सांझा करने के उद्देश्य से कार्य कर रहे है जिनके कॉल रिकॉर्ड के अनुसार पुलिस विभाग द्वारा यह पता लगाया जा सके की शहर में उन नंबरों से शहर के कितने युवा और कारोबारी एस सट्टा कारोबारियों के सम्पर्क में है और इसके बड़े रैकेट का भांडा फोड़ हो सके।

बहरहाल पुलिस विभाग द्वारा अब तक ऐसे व्यक्तियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा सकीं है। शहर की आम जनता पुलिस प्रशासन पर आस लगाए बैठी है कि कब विभाग जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी करेगा। क्या है की अभी तक सिर्फ फिल्मों और सीरियल में ही ईमानदार पुलिस की कहानियां लोगो ने देखी और सुनी है वास्तविकता में वैसा होता नही है।

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