मीडिया टुडे न्यूज। एक साल में पांच भारत रत्न देने का यह पहला मामला है और बचाव में खबरें प्लांट होने लगीं। दैनिक जागरण की एक खबर के अनुसार:-
- • पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था।
• कुल 48 लोगों को भारत रत्न दिया गया है। आखिरी बार ये सम्मान साल 2019 में दिया गया था।
• यह पहला मौका है, जब एक साथ पांच लोगों को इस सम्मान से सम्मानित करने का एलान किया गया है।
• ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों से किसी को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया था, अभी इस बात की घोषणा नहीं हुई है कि किस शख्सियत को किस साल के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।
• वर्ष 1956, 1959, 1960, 1964, 1965, 1967, 1968-70, 1972-74, 1977-79, 1981, 1982, 1984-86, 1993-96, 2000, 2002-08, 2010-13, 2020-22 में भारत रत्न नहीं दिया गया।
इस तरह
पहली बार तीन लोगों को यह सम्मान दिया गया था तो इस बार भी तीन देना ठीक हो जायेगा।
पहले के दो किसी और साल के बता दिये जाएंगे (लेकिन खबर यह नहीं बताती कि इससे पहले कब ऐसा किया गया है। उसपर कुछ बोलना मना है)।
2024 जीतने के लिए और देना हो तो दिये जा सकते हैं। अखबार ने बता दिया है कि किस साल के कितने दिये जा सकते हैं। (पर ये नहीं बताया है कि सब नरेन्द्र मोदी ट्वीटर के जरिये ही देंगे या कोई और भविष्य में रैलियों में दल-बदल करवाकर देगा।)
खबर बताती है कि 1954 से 2019 तक कुल 48 पुरस्कार दिये गये हैं। मतलब हर साल एक का औसत नहीं है। हर साल देने का रिवाज भी नहीं है। फिर भी 48 से 65 तक तो किया ही जा सकता है। 17 और हो सकते हैं 5 हो चुके 12 का इंतजार कीजिये।
आगे जैसा होगा वैसी खबर आ जायेगी।
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लगता है कि 2024 चुनाव की तैयारी में मोदी जी इस शर्म के पर्दे को भी तोड़ने पर उतारू है कि भारत रत्न जैसे पुरस्कार सम्मान का प्रतीक चिन्ह है ना की राजनीतिक बिसात के किसी प्यादे का ….
पहले नीतीश जी को साधने के लिए कर्पूरी ठाकुर, फिर राम मंदिर के समर्थकों को साधने के लिए आडवाणी और अब पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी को साधने के लिए पूर्व पीएम श्री चौधरी चरण सिंह, किसानों को साधने के लिए स्वामीनाथन और आन्ध्र की राजनीति में पैर जमाने के लिए पूर्व पीएम श्री नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न से नवाज़ा जा रहा है। अब ये तो 2014 लोकसभा के परिणाम ही बतायेंगे कि इन पुरुस्कारों ने बीजेपी को कितने वोट दिलवाये है।