अभिषेक कुमार शर्मा
मीडिया टुडे न्यूज़। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मी पर नजर डाले तो प्रदेश में बहुत सी छोटी बड़ी समस्याएं तो है, वही इस परिदृश्य में गौर करे तो वर्तमान समय में डेंगू एक बड़ी समस्या के रूप में उभरती नजर आती दिख रही है।
जैसा कि हमने कुछ दिनों पूर्व बड़े समाचार पत्रों में पढ़ा था , कि डेंगू जैसी बीमारी से बचाव हेतु कुछ विदेशी कंपनियों ने अब उसकी वैक्सीन भी बना ली है जी हां आपने सही पढ़ा! कोविड के समय भी हमने देखा था कोवीड आने के कुछ महीनो में ही बाजार में उसकी वैक्सीन आ गई थी, तो शायद वर्तमान में फैल रहे डेंगू के मरीजों की संख्या के कारण हो सकता है डेंगू की वैक्सीन भी आपको जल्द बाजार में मिल सकती है हालाकि इसके उपयोग के लिए डाक्टरों के परामर्श के बाद ही इसे लिया जाना चाहिए। साथ ही इसके साइड इफेक्ट की जानकारी होना भी अनिवार्य है । कोविड के टिको के दुष्परिणाम से अभी तक कुछ लोग उबर नहीं पाए है ऐसे में हमे अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक होने की आवश्यकता है।
सोशल मीडिया के जानकारी की माने तो छत्तीसगढ के कई जिलों में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस विषय पर सोशल मीडिया में काफी हो हल्ला भी चल रहा है वही आसन्न विधानसभा की नजर से इसमें की जा रही कोताही प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए हार जीत का एक बड़ा कारण भी बन सकता है, जैसा की सोशल मीडिया में विपक्ष द्वारा एक सुनियोजित तरीके से डेंगू को लेकर उससे होनी वाले नुकसान की छती के लिए कांग्रेस सरकार व शहर सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम हेतु प्रदेश सरकार को आवश्यक और ठोस कार्यक्रम चलाने चाहिए और लोगो को इसके रोकथाम हेतु जागरूक करना होगा अन्यथा इसके दूरगामी परिणाम प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए चौकाने वाले हो सकते है?