मीडिया टुडे न्यूज़। छत्तीसगढ़ 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए, प्रत्याशी चयन के लिए सर्वे की चली मैराथन दौड़ के बाद अब कांग्रेस की बैठकों की मैराथन दौड़ शुरू हो गई है, जिसने भावी प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें बढ़ा दी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट मिले इसके लिए कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में दौड़ लगाई, यह सोचकर की पार्टी के अंदरूनी सर्वे में उनका नाम आ जाए? अब प्रत्याशियों की नजर कांग्रेस की बैठकों की मैराथन दौड़ पर है? प्रत्याशियों की दौड़ का अंत अभी भी होता दिखाई नहीं दे रहा है, अब प्रत्याशी विधानसभा क्षेत्र की दौड़ लगाने के बाद, पार्टी की चल रही मैराथन बैठकों की ओर दौड़ते हुए दिखाई देने लगे हैं।
कांग्रेस के नेताओं को विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपनी सरकार को रिपीट करने जा रही है, कांग्रेस की जीत एजेंसियों के सर्वे में भी दिखाई दे रही है?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जन कल्याणकारी योजनाएं 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का मुख्य आधार होगी? 2018 के विधानसभा चुनाव की अपेक्षा 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का टिकट पाने की चाहत रखने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की तादाद अधिक दिखाई दे रही है। इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जनकल्याणकारी योजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस फिर से सत्ता में आ रही है?
कांग्रेस से टिकट मांगने वाले आवेदक विधानसभा सभा क्षेत्र से निकलकर प्रदेश की राजधानी रायपुर में कुच करते दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस की मैराथन बैठकें प्रदेश की राजधानी रायपुर में कांग्रेस के वार रूम में चल रही हैं। टिकट की चाहत रखने वाले नेताओं की मैराथन दौड़ का फाइनल देश की राजधानी दिल्ली में होगा। यह कब होगा इसका सभी आवेदक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं? कांग्रेस छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर किसी भी प्रकार का रिस्क लेना नहीं चाहती है और ना ही भ्रम में रहना चाहती है। इसीलिए पार्टी हाई कमान ने विभिन्न स्तरों पर प्रत्याशी चयन और चुनाव कैसे जीता जाएं, की रणनीति पर तेजी से कार्य कर रही है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के मेंबर ताम्रध्वज साहू और स्थाई आमंत्रित सदस्य फूलो देवी नेताम की अगुवाई में मिशन2023 काम कर रहा है। छत्तीसगढ़ में पिछले चुनाव में जीती कुछ सीटों पर भाजपा का कब्जा है जो लंबे समय से चला आ रहा है। उन सीटों को 2023 में कांग्रेस जीतना चाहती है इसका दायित्व पार्टी ने ताम्रध्वज साहू के हाथों में दिया है।
ताम्रध्वज साहू कांग्रेस के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ताम्रध्वज साहू को सीएम भूपेश बघेल का करीबी माना जाता है। फूलो देवी नेताम कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं। वह छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद हैं। फूलो देवी नेताम छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं, वह करीब सात साल से इस पद को संभाल रही थी। 18 जुलाई को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था, उसके बाद से ही उनके नया पद मिलने की अटकलें लगाई जा रही थी। इस बार फूलो देवी नेताम की एंट्री सीधे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की टीम में हुई है, उन्हें स्थाई आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगह मिली है। ताम्रध्वज साहू और फूलो देवी नेताम का नेतृत्व कांग्रेस को आरक्षित सीटों सहित 90 विधानसभा में से 55 से 65 सीटों पर जीत दिला सकता है?
कांग्रेस की वर्किंग कमेटी कांग्रेस की सबसे बड़ी समिति होती है। पार्टी के सभी तरह के फैसले इस कमेटी में लिए जाते हैं। पूरे देश से कांग्रेस पार्टी के नेताओं का चयन इस टीम में कांग्रेस अध्यक्ष करते हैं।
छत्तीसगढ़ में हाई कमान, प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को एकजुट करने में भी कामयाब नजर आ रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रति माहौल नजर आ रहा है और विभिन्न सर्वे रिपोर्ट भी बता रही है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार रिपीट होने जा रही है?
अभिषेक कुमार शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार / राजनीतिक विश्लेषक, रायगढ़ छत्तीसगढ़