टिकट बंटवारे के बाद स्थानीय और बाहरी के फेर में छत्तीसगढ़ भाजपा में मचा बवंडर

मीडिया टुडे न्यूज़। भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद प्रत्याशी चयन को लेकर जो विरोध हुआ था ठीक उसी प्रकार  भाजपा की दूसरी संभावित सूची जारी होने के बाद एक बार फिर विरोध शुरू हो गया है. हालांकि यह दूसरी सूची अधिकृत रूप से जारी नहीं की गई है। लेकिन जमीनी कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने के कारण नाराजगी सतह पर आ गई है।

मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ भाजपा की पहली सूची आने के बाद पार्टी में जो जोश उफान पर था वह वायरल हुए संभावित सूची के बाद विरोध के सूर में बदलता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वायरल सूची आने के बाद पार्टी में अंदरूनी नाराजगी देखने को मिल रही है जो विस चुनाव में पार्टी के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है।

विश्वस्त सूत्रों की माने तो प्रदेश भाजपा में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है प्रदेश भाजपा के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओ से काफी नाराज़ चल रहे है इसकी मुख्य वजह टिकट वितरण को लेकर बताया जा रहा है। प्रदेश भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी की भी नही सुन रहे है? राजनैतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा बनी हुई है कि रमन सिंह प्रदेश में टिकट वितरण को लेकर अपनी मनमानी कर रहे है। प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर ने जो सूची तैयार की थी उसमे रमन सिंह ने कुछ नाम बदल दिए है जिसे लेकर माथुर साहब बेहद नाराज़ हो गए है? पूरे प्रदेश में गौर करे तो भाजपा के अपने खेमे में ही संभावित प्रत्याशी को लेकर जिस प्रकार से विरोध शुरू हो चुका है उस हिसाब से भाजपा छत्तीसगढ़ में सरकार बनाते हुए नही दिख रही है क्योंकि कार्यकर्ताओ के विरुद्ध पार्टी के बड़े नेता प्रत्याशियों को कई विधानसभा में थोप रहे है जिसे लेकर पार्टी में विरोध शुरू हो गया है।

आरंग विधानसभा में भाजपा कार्यकर्ता ने सड़कों पर किया प्रदर्शन

आरंग विधानसभा में भाजपा के कार्यकर्ता संभावित सूची में प्रत्याशी का नाम देखकर बेहद नाराज़ हो गए और पार्टी के हैलीकॉप्टर लैंडिग पर जमीनी कार्यकर्ताओं में पार्टी को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला जिसे लेकर भाजपा के सक्रीय कार्यकर्ताओ ने सड़कों पर आकर का विरोध किया।

बाहरी प्रत्याशी के कारण ओपी चौधरी का रायगढ़ में भयंकर विरोध

रायगढ़ विधानसभा के संभावित प्रत्याशी ओपी चौधरी को लेकर तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म , अखबारों एवं शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है, बाहरी व हारे हुए प्रत्याशी को पार्टी उन पर थोप रही है जिसका बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है, यहां इस बात पर ध्यान आकर्षण जरूरी है की ओपी चौधरी को रमन सिंह ही पार्टी में लेकर आए थे इस कारण पार्टी उन्हें दुबारा अब रायगढ़ विधानसभा सीट से उतारने की तैयारी कर रही है। रायगढ़ विधानसभा में ओपी चौधरी का कोई जमीनी अस्तित्व नहीं है सिर्फ चाटुकारिता की भेंट चढ़ने वाली रायगढ़ विधानसभा में ओपी की हैलीकॉप्टर लैंडिग करवाई जा रही है जिसे लेकर हाल के कुछ दिनों में विरोध का आलम बढ़ता ही जा रहा है। अग्रवाल समाज में ओपी के नाम आने के बाद ही उसका विरोध करते हुए भाजपा से किनारा कर लिया है? ओपी का विरोध यही खत्म नहीं हुआ वही रायगढ़ विधानसभा में कोलता समाज के 65000 हजार मतदाता के संगठन ने ओम प्रकाश माथुर को बकायदा पत्र लिखकर यह बता दिया है की अगर कोलता समाज से किसी प्रत्याशी को रायगढ़ विधानसभा से भाजपा टिकट नहीं देती है तो समाज भाजपा का खुल कर विरोध करेगा और शायद अपना प्रत्याशी भी ओपी के खिलाफ खड़ा कर सकता है? कोलता समाज समय समय पर मौखिक रूप से टिकट को लेकर बोलता आया है वही स्थानीय व्यक्ति को टिकट ना देकर बाहरी व्यक्ति को टिकट देने की संभावना को देखते हुए विरोध के स्वर उठने लगे है।

जशपुर में संभावित प्रत्याशी के विरोध में कांग्रेस प्रवेश
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार जशपुर के संभावित प्रत्याशी के विरोध में जशपुर भाजपा के लगभग दो सौ जमीनी कार्यकर्ताओ ने कांग्रेस प्रवेश कर लिया है। भाजपा का प्रदेश संगठन पार्टी में असंतोष को जन्म दे रहा है एवं कार्यकर्ताओ में पार्टी की पकड़ के कमजोर होने के संकेत को दर्शाता है।

यह वर्तमान वायरल संभावित सूची आने बाद की घटनाएं है, जो विधानसभा चुनाव में रमन सिंह की बड़ी विफलता को दूसरी बार पुनः उजागर कर सकता है। चुनाव से पहले प्रत्याशियों को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष है, जिसके कारण विरोध कर रहे हैं। दरअसल सामरी, सीतापुर, लैलूंगा, सारंगढ़, रायगढ़, जशपुर, कटघोरा, जैजैपुर, पामगढ़, महासमुंद, सारंगढ़-बिलाईगढ़, रायपुर उत्तर, रायपुर ग्रामीण, धरसीवा, आरंग, बिंद्रांवगढ़, दुर्ग शहर, वैशाली नगर, नवागढ़, गुंडरदेही, संजारी बालौद, पंडरिया, कोटा, तखतपुर में कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। अगर पार्टी इन चुनौतियों को गंभीरता से नहीं लेती है या प्रत्याशियों को मनमाने ढंग से लागू करती है तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते है, जिसकी वजह से भाजपा छत्तीसगढ़ में 10 साल पीछे चली जायेगी।

अभिषेक कुमार शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार / राजनीतिक विश्लेषक, रायगढ़ छत्तीसगढ़

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top