छत्तीसगढ़ में चावल मिलिंग कराने वाली संस्था मार्कफेड और छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों और बड़े राइस मिलों में मारे गये इडी के छापे में अनेक अवैध लेन देन के कागजात जब्त किए गए हैं जिनके आधार पर लगभग तीस लोगों से अलग-अलग पूछताछ जारी है।
छापे में अब तक लगभग एक करोड़ रुपये की नगद धनराशि भी जब्त कुछ जा चुकी है। ईडी द्वारा जारी बयान में अब तक मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी, राइस मिल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के नाम का उल्लेख किया है तथा राइस मिल एसोसिएशन और मार्कफेड के पदाधिकारी लिखा है उनके नाम का खुलासा नहीं किया गया है जबकि लगभग बीस राइसमिलर्स और चार जिला मार्कफेड अधिकारी से ईडी लगातार पूछताछ कर रही है। मामले में छत्तीसगढ़ में सरकारी एजेंसी मार्कफेड और राइसमिलर्स द्वारा किए जा रहे बड़े स्कैम का खुलासा हो सकता है। यदि इस स्कैम में केंद्र सरकार की एजेंसी एफसीआई की जांच भी की जाए तो यह घोटाले की जांच को नई दिशा दे सकता है?