मीडिया टुडे न्यूज़। प्रदेश में चुनाव को लेकर दिन प्रतिदिन समीकरण बदल रहे हैं, प्रदेश में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक दलों द्वारा चुनावी प्रचार प्रसार तेज कर दिया है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां जबरदस्त माहौल बनाया था, जिसके बाद उन्हें बड़ी जीत मिली थी, इस बार भी मुकाबला अच्छा बताया जा रहा है। वैसे प्रदेश के कई सीटों में कांटे की टक्कर जैसी स्थिति निर्मित हो रही है, जिसमें रायगढ़ जिला की तीन सीटों पर भाजपा का दमखम भी मजबूती से देखा जा रहा है। रायगढ़ जिले में कुल चार विधानसभा सीट है जिसमें लैलूंगा, खरसिया और रायगढ़ विधानसभा में कांटे की टक्कर की बात कही जा रही है. वहीं धरमजयगढ़ विधानसभा में कांग्रेस का पलडा भारी बताया जा रहा है. खरसिया विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो इस बार भी कांग्रेस ने उमेश पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने इस बार खरसिया विधानसभा से महेश साहू को प्रत्यासी बनाया है। भाजपा की पहली ही सूची में ही महेश साहू का नाम फाइनल कर दिया गया था, जिसके बाद से लगातार उन्होंने क्षेत्र में जन संपर्क करना सुरु कर दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा ने पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी को प्रत्यासी बनाया था। जिसमें वे पराजित हुए थे, इस बार भाजपा ने बड़ी बारीकी से प्रत्यासी का चयन कर एक सरल व्यवहार के नेता महेश साहू को प्रत्यासी बनाया है। प्रत्यासी बनाए जाने के बाद से ही महेश साहू क्षेत्र के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। बता दें महेश साहू बेहद मिलनसार नेता माने हैं इसलिए उन्हें पार्टी ने भाजपा का प्रत्याशी बनाया है जिसका लाभ इस बार खरसिया विधानसभा क्षेत्र में देखने मिल रहा है। कहा जा रहा है कि खरसिया विधानसभा में शालीनता की राजनीति को लोग पसंद करते हैं लोगों की सोच के अनुसार भाजपा ने महेश साहू को प्रत्यासी बनाया है। खरसिया विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को अब इसलिए भी मजबूत नही माना जा रहा है, क्योंकि इस बार क्षेत्र के एक मजबूत नेता ने पार्टी से दूरी बनाकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और उन्होंने चुनाव लडने का मन बना लिया है जिन्हे आम आदमी पार्टी ने प्रत्यासी बनाया है। यहां कांग्रेस के कई मजबूत नेताओं ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है, जिस कारण कांग्रेस की स्थिति भी पहले जैसी नहीं रही है।
भाजपा प्रत्यासी महेश साहू सरलता के साथ क्षेत्र चुनाव प्रचार कर रहे हैं, जिन्हे आम जनता का खूब आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। शायद इसी कारण इस बार बदलाव की लहर खरसिया विधानसभा क्षेत्र में कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रही है, पिछले विधानसभा चुनाव में खरसिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार चुके ओपी चौधरी इस बार अपनी सीट बदलकर रायगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। जहां पर कांग्रेस और भाजपा के आलावा जोगी जनता कांग्रेस पार्टी एवम निर्दलीय के मध्य कड़ी टक्कर देखी जा रही है। लेकिन लोगो का मानना है कि इस बार खरसिया विधानसभा में भाजपा और रायगढ़ में कांग्रेस के जीत की प्रबल संभावना है।
इसका आशय यह है कि प्रदेश की राजनीति में जो बदलाव की लहर दौड़ रही है वह भाजपा को उन सीटों पर लाभ दिला सकती है, जहां पर कांग्रेस का लंबे समय से पलड़ा भारी रहा है। लोगो मे एक और चर्चा सुनी जा रही है कि इस बार खरसिया कांग्रेस रायगढ़ विधानसभा को लेकर मौन क्यों है?
पिछले विधानसभा चुनाव में जब खरसिया विधानसभा में ओपी चौधरी पहली बार चुनाव लड़ रहे थे तो रायगढ़ विधानसभा के अधिकांस कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने भाजपा और ओपी चौधरी का खुलकर विरोध किया था। जिसका लाभ खरसिया कांग्रेस को हुआ था? चुकी इस बार ओपी चौधरी रायगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं तो ऐसे में खरसिया विधानसभा के कांग्रेस नेताओं को भी रायगढ़ विधानसभा से ओपी चौधरी को हराने का प्रयास किया जाना चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा है बल्कि खरसिया के कांग्रेस कार्यकर्ता चुप्पी साधे हुए है वे अपने विधानसभा में सीमित हो गए हैं। यह चर्चा भी जोरो पर है वही इस बात की भी चर्चा है कि खरसिया विधानसभा के कांग्रेस कार्यकर्ता भले ही अभी चुप है लेकिन चुनाव के नजदीक रायगढ़ विधानसभा में कांग्रेस को जिताने में जोर लगा सकते हैं?