सारंगढ़।जिला उप निर्वाचन अधिकारी प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि लोकतंत्र की नींव मताधिकार पर ही रखी जाती है। भारत के संविधान में प्रत्येक 18 वर्ष के युवक युवती से लेकर वृद्धावस्था तक प्रत्येक व्यक्ति को मत देने का अधिकार है।आप सभी अपने मताधिकार का प्रयोग कर मतदान के प्रतिशत को बढ़ाएं।आप सब अपना मतदान करें, अपने परिवारजनों एवं ग्राम वासियों को अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए प्रेरित करें।
श्रीमान क्या आप बताएंगे कि मेरा निवास बदल गया है?क्या नए पते पर वोट डाल सकूंगा ?
भारद्वाज ने बताया कि मतदाता सूची का आवास आधार पर सत्यापन हो चुका है।आवास में जो पंजीकृत मतदाता नहीं मिले उनका नाम काटा जा चुका है अगर आपका नया पता पंजीकृत हो गया है तो नए पते पर वोट डाल सकते हैं।
श्रीमान! वोटर कार्ड नहीं है ?तो मैं किस आईडी से मतदान कर सकता हूं?
जी ये सभी आईडी कार्ड मान्य है:- पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, सेवारत कर्मियों के लिए जारी फोटो युक्त पहचान पत्र, फोटो युक्त पासबुक, एससी, एसटी, ओबीसी के फोटो युक्त प्रमाण पत्र, पेंशन दस्तावेज, फोटो युक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रमाण पत्र, फोटो युक्त शस्त्र लाइसेंस, दिव्यांग प्रमाण पत्र, सांसद, विधायक, एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय का स्वास्थ्य बीमा जॉब कार्ड, मतदाता पर्ची से आप मतदान कर सकते हैं।
श्रीमान क्या बुथ में महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट होंगे ?
जी शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्र में पक्के टॉयलेट हैं। ग्रामीण क्षेत्र में इसके लिए विशेष रूप से अस्थाई टायलेट बनाए गए हैं।
सर जी घर पर वोटिंग का अधिकार किसे है ? यह सुविधा कैसे मिलेगी ?
80 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों और 40% तक दिव्यांग व्यक्तियों को यह सुविधा मिलेगी। वोट फ्रार्म होम की सुविधा के लिए सबसे जरूरी फॉर्म 12 डी है जिसे आवेदनकर्ता बीएलओ से ले सकते हैं। बैलेट पेपर के जरिए ऐसे मतदाताओं से वोटिंग कराई जाएगी।
भारद्वाज जी आप बताएंगे कि मेरे बदले किसी ने वोट डाल दिया तो मैं क्या करूंगा ?
आयोग ने मतदाता सूची का भौतिक सत्यापन किया है। शपथ पत्र भरवाएं हैं। केंद्र में दो मतदाता मित्र तैनात किए हैं, उनका चयन इसी आधार पर हुआ है कि वह मतदाता की पहचान स्थापित कर सके, मतदाताओं के मोबाइल नंबर लिए हैं।गूगल के जरिए उनकी लोकेशन ट्रेस की गई है कि जहां का पता दिया है वह वहां रहते हैं या नहीं, फिर भी किसी व्यक्ति का वोट कोई और डाल जाता है, तो उसे मताधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। ऐसे में मतदाता पीठासीन अधिकारी से शिकायत कर सकता है।वहां उसे बैलेट पेपर के जरिए वोट डलवाया जाएगा। इसे टेंडर वोट कहते हैं। जब दो प्रत्याशियों को बराबर वोट मिल जाए या हार जीत का अंतर एक दो वोटो का हो तो टेंडर बोर्ड की गिनती होती है।
सर अंतिम सवाल क्या मैं जान सकता हूं कि मैं किसे वोट दिया हूं?
मतदान करते वक्त बीप की आवाज होती है, मतदान पूर्ण होते ही यह आवाज थम जाती है। जब तक यह बीप की आवाज आती है, उतने समय आपके मतदान की स्लीप वीवीपैट पर प्रिंट होकर उससे लगे बक्से में गिरती है। यह प्रिंट होने के तुरंत बाद वहां लगी स्क्रीन पर आपको दिखाई देती है। इससे आप यह जान सकते हैं कि आपने किसे वोट किया है।अग्रवाल जी अंत में यही कहना चाहूंगा कि मतदान करना बड़ा पुण्य का काम है।