मध्य प्रदेश की राजनीतिक को समझना है तो नतीजों से पहले अखबारों की हेडलाइन देखिए

मीडिया टुडे न्यूज। चुनावी कवरेज में शिवराज सिंह की विदाई के अनेक लेख मिल जाएंगे। शिव राज सिंह चौहान की दो तरह से विदाई दिखाई जा रही थी। एक, कि उनकी सरकार से जनता नाराज़ है और दूसरा, कि केंद्रीय नेतृत्व अब उनकी विदाई चाहता है। चार बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले शिवराज सिह चौहान मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, इसकी घोषणा नहीं की गई।

मीडिया इंटरव्यू में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री का फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ते रहे हैं। उन्होंने अशोक गहलौत की तरह कभी नहीं कहा कि मुख्यमंत्री का पद उन्हें नहीं छोड़ता है या वही मुख्यमंत्री हैं। इस हालात में शिवराज सिंह चौहान ने वापसी की है। बीस साल की सत्ता के प्रति नाराज़गी और उदासीनता को ठुकराते हुए उन्होंने अपने लिए जीत का रास्ता बना लिया है।

ऐसा नहीं था कि शिवराज सिंह चौहान को मीडिया हमेशा से ही नायक बता रहा था जिस तरह से आज बता रहा है। मध्य प्रदेश के नतीजे बता रहे हैं कि लहर शिवराज सिंह चौहान के लिए चल रही थी, मीडिया किसी और के लिए लहर देख रहा था।

लेखक रवीश कुमार

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