मीडिया टुडे न्यूज़। चार विधानसभा के चुनाव में अप्रत्याशित रूप से जनता ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत दिया है जिसके बाद से बैठकों का जारी हो गया है, जिसमे अब मुख्यमंत्री पद को लेकर दिल्ली में मंथन जारी है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर रेणुका सिंह, रमन सिंह , अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल , ओपी चौधरी , अजय चंद्राकर, अरुण साव, विष्णु देव साय व गोमती साय के नाम पर चर्चा का माहौल बन रहा है जिसको लेकर केंद्रीय समिति विश्लेषण कर रही है जिस पर आज या कल मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
चार विधानसभा में तीन में कांग्रेस की करारी हार के बाद अलग अलग राज्यों में हार की समीक्षा अपने अपने स्तर पर की जा रही है। उन सीटों पर भी गौर किया जा रहा है जहा कांग्रेस के प्रत्याशी बेहद ही काम अंतराल से हारे है उनमें उप मुख्यमंत्री टी एस बाबा प्रमुख उदाहरण है। वहीं रायगढ़ से प्रकाश नायक जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा अंतराल से हारने वाले प्रत्याशी है ऐसे विधानसभा वाली sito par प्रत्याशी ना बदलना भी हार का प्रमुख कारण रहा है।
जनता ने 2 फ़ैसले सुनाए
1. बीजेपी को हुकूमत
2. काँग्रेस को विपक्ष की सीट
4 राज्यों में
कांग्रेस को BJP से 10 लाख ज़्यादा वोट, जहाँ BJP जीती वहाँ कांग्रेस को 40% वोट
4 राज्यों में BJP-कांग्रेस के वोट
कांग्रेस : 4 करोड़ 90 लाख से ऊपर
BJP : 4 करोड़ 81 लाख से ऊपर
39.40% वोट : तेलेंगाना काँग्रेस
42.23% वोट : छत्तीसगढ़ काँग्रेस
49.53% वोट : राजस्थान काँग्रेस
40.40% वोट : मध्यप्रदेश काँग्रेस
काँग्रेस के चुनाव मैनेजमेंट में कुछ कमी रही शायद इन्ही कमियों की वजह से काँग्रेस आज विपक्ष में है? पर काँग्रेस 40% से ज़्यादा जनता के दिल मे है।
काँग्रेस को जिन्होंने वोट दिया और बीजेपी को जिन्होंने वोट दिया, दोनो का शुक्रिया..पर 40% जनता में आने वाले वक़्त में 10% और जोड़ देने की लड़ाई जारी रहेगी।
कॉंग्रेस उत्तर भारत मे हारी है..पर आज भी उत्तर भारत मे कॉंग्रेस की ख़ुद की सरकार और गठबंधन सरकारें है..जिन 3 राज्यों में कॉंग्रेस हारी है वहाँ कॉंग्रेस का वोट कमोबेश 40%+ है और कॉंग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है।
40% वोट कम नहीं होते ? आपके साथ साथ वो जनता भी हर हालत में कॉंग्रेस के साथ है। जनता ही आख़िरी सच है।
बहरहाल हार के बाद कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में अपने संगठन को और मजबूत करने और जनता से जुड़े मुद्दों को मजबूती के साथ इन आने वाले पांच सालो में उठाना होगा । वही स्पष्ट बहुमत के बाद भाजपा की जिम्मेदारी जनता के प्रति बढ़ गई है जीतने के बाद 10 दिसंबर को भाजपा ने किसानों का कर्जा माफी की घोषणा करी थी प्रदेश का किसान कर्जा माफी को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार के घोषणा का इंतज़ार कर रहा है जिसके बाद ही प्रदेश की दशा और दिशा स्पष्ट रूप से दिखेगी।