A huge crowd took to the streets to demand full statehood for Ladakh। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा लेने सड़को पर उतारा जनसैलाब

मीडिया टुडे न्यूज़। Jammu – Kashmir सम्बंधी अनुच्छेद 370 कमज़ोर करने और उसे दो भागों में बांटने का हो-हल्ला मचाने का वहां की जनता को क्या फर्क पड़ा, यह इसी से स्पष्ट हो जाता है कि वे अब हज़ारों की संख्या में इस कड़कड़ाती सर्दी में बर्फीली हवाओं का सामना करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। जबकि Ladakh में पारा शून्य के नीचे चला गया है।

बर्फबारी भी पड़ रही है। लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। फिर भी हजारों पुरुषों और महिलाओं ने कड़ाके की ठंड के बीच लेह की सड़कों पर हाथों में तख्ती लेकर शनिवार को मार्च निकाला।

5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र-शासित प्रदेश बनाए गए Ladakh में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वे इस केंद्र-शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने और लेह एवं कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग संसदीय सीट बनाने की मांग कर रहे हैं।

लोग यहां की नौकरशाही से परेशान हो चुके हैं और उन्होंने मांग की है कि जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलना चाहिए और यह तभी संभव हो पाएगा, जब राज्य पूर्ण राज्य बनेगा।

Ladakh के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि यदि यहां संविधान की छठी अनुसूची लागू नहीं की गई तो यहां भी उत्तराखंड की तरह अलग से भू-कानून लागू करने की जरूरत होगी।

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