मीडिया टुडे न्यूज़। ऐसा लगता है जयंत चौधरी को किसान आंदोलन के समय बीजपी द्वारा की गई पुलिस लठ्ठबाजी से दिमाग पर गहरा सदमा लगा है, तभी वह बहकी-बहकी बातें कर रहे है !
चौधरी चरन सिंह किसानों के मसीहा के रूप में आज भी याद किये जाते है, जयंत चौधरी का उनसे मोदी की तुलना करना कहां तक सार्थक है?
यह वहीं मोदी है, जिन्होंने दिल्ली बोर्डर पर 700 से अधिक किसानों को मरने पर मजबूर किया? क्या चौधरी चरन सिंह जी का यहीं चरित्र था?
यदि जयंत चौधरी सचमुच मोदी में चौधरी चरण सिंह की छाया देख रहे है, तो वो कहीं न कहीं चौधरी चरण सिंह व उनसे जुड़े समूचे लोगों को अपमानित कर रहे है। किसानों को मरने पर मजबूर करने वाला व्यक्ति चौधरी चरण सिंह की छाया तो दूर की बात है, उनके नाखून के बराबर भी हैसियत नहीं रखता है।
ऐसा लगता है, जयंत चौधरी मोदी सरकार से मिलकर जो कुछ पाने वहां गये है, मोदी की संगत में रहकर उससे कहीं ज्यादा खो कर वापिस आयेगें।