मीडिया टुडे न्यूज़। देश दुनिया/ किसी व्यक्ति को किसी भी संस्था, संगठन, सरकार, कंपनी आदि में पद पर सलेक्शन या प्रमोशन किया जाता है तो तीन गुणों पर फोकस किया जाता है, वह है :
इमानदारी (integrity)
बुद्धि (intelligence)
ऊर्जा (energy)
जिस व्यक्ति में इमानदारी या निष्ठा नहीं है किन्तु बुद्धि और ऊर्जा है…वह अपने बुद्धि के माध्यम से बेहतर पॉलिसी, स्ट्रेटजी बनायेगा एवं निर्णय (decision making) उचित लेगा, साथ ही ऊर्जा, उत्साह के कारण कार्य को फास्ट गति के साथ, नवाचार (innovation) करके अपने कार्य को करेगा! किन्तु ध्यान देने वाली बात यह है कि, ऐसा निष्ठाहीन व्यक्ति अपने बुद्धि और उत्साह का प्रयोग अपने संस्था, समाज या सरकार के हित में ना करके खुद के हित (interest) में करेगा। ऐसे लोग ही बड़े-बड़े घोटालों में शामिल होते हैं। अपने स्वार्थ, लालच में अपने मान मर्यादा को भूलकर अपनी संस्था, समाज,मुल्क को गिरवी रख देते हैं।
दूसरे कॉम्बिनेशन में हम पातें हैं कि इमानदारी है, बुद्धि है किन्तु ऊर्जा नहीं है। तो ऐसा व्यक्ति सत्यनिष्ठा के साथ बेहतर प्लानिंग, व्यवस्था, निर्णय करेगा! किन्तु उर्जा रहित होने के कारण कार्य को धीमी गति के साथ करेगा, नई पहल (initiative) नही कर पायेगा, क्योंकि ऊर्जा नहीं है।
तीसरा कॉम्बिनेशन है कि इमानदारी है और ऊर्जा है किन्तु बुद्धि नहीं है। ऐसा व्यक्ति काम बड़ी निष्ठा एवं ऊर्जा, उत्साह के साथ करेगा! किन्तु योग्य स्ट्रेटजी, प्लानिंग, निर्णय नहीं कर पायेगा।
हमारे दृष्टिकोण में कौन बेहतर, मोदी या राहुल …….?
नरेंद्र मोदी मे इनर्जी एवं इंटेलिजेंस तो है, पर इंटीग्रिटी बिल्कुल नही… अर्थात निष्ठा मे कमी के कारण पहले कोम्बिनेशन मे आते हैं! ऐसा व्यक्ति बेहद खतरनाक होता है….जो सिर्फ निजी स्वार्थ मे जीता है, हबस होती है सत्ता, या दौलत के प्रति..ऐसे लोग व्यक्ति, समाज, मुल्क की बलि देने मे नही हिचकेंगे…. ऐसे लोगों को पद या उत्तरदायित्व नही दिया जाना चाहिए ।
राहुल गांधी मे इंटीग्रिटी, इनर्जी, इंटेलिजेंस तीनों गुण दिखाई देते हैं! उनके इंटेलिजेंस मे IQ और EQ…का अच्छा कोम्बिनेशन भी देखने को मिलता है…पर अभिव्यक्ति मे कमी साफ दिखती है…खासतौर से हिन्दी भाषा में, मास लीडर का प्रभावी वक्ता होना जरूरी है! अत: राहुल को अपने कॉम्यूनीकेशन स्किल् पर फोकस करने की जरूरत है।
इस तरह राहुल जैसा व्यक्ति जहाँ स्वतन्त्रता, समानता, बंधुत्व, विज्ञान, रिसर्च पर आधारित भारत को एक बेहतर मुल्क बना सकते हैं…वहीं नरेंद्र मोदी जैसा व्यक्ति अपने संकीर्ण सोच के साथ एक अंधविश्वासी , खंडित ,जर्जर भारत बना सकते हैं…. जो कि बना रहे हैं….और आपकी राय मे…? साथ ही केजरीवाल, ममता बनर्जी को किस कोम्बिनेशन मे रखा जा सकता है…?