छत्तीसगढ़ में मकर संक्रांति के साथ-साथ पारंपरिक छेरछेरा महोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई दी।
छेरछेरा महोत्सव का महत्व:
पौष पूर्णिमा की रात मनाए जाने वाले इस महोत्सव में किसान अपनी नई फसल घर लाकर खुशी मनाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, जिससे दान की परंपरा शुरू हुई।
मुख्यमंत्री की बधाई:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा महोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व हमारी सामाजिक समरसता और दानशीलता का प्रतीक है। उन्होंने सभी नागरिकों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
समाज में उत्साह:
इस दिन लोग घर-घर जाकर फसल मांगते हैं और दान देते हैं, जिससे समाज में भाईचारे और सहयोग की भावना प्रबल होती है। यह पर्व छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है।