भारत सरकार की महत्त्वपूर्ण Ujjwala Yojna ने गरीब और वंचित वर्ग की महिलाओं को लाभान्वित करने हेतु एक योजना बनाई है, जिसके तहत इस योजना में केंद्र सरकार सस्ते रेट पर शुद्ध गैस सप्लाई करती है, जिससे उनके जीवन में सुधार और सुरक्षा हो। लेकिन हाल ही में रायगढ़ शहर के प्रियदर्शनी एच पी गैस एजेन्सी संचालक द्वारा Ujjwala Yojna के क्रियान्वयन में भारी कोताही की खबरें सामने आ रही हैं।
Ujjwala Yojna
मिली जानकारी के अनुसार प्रियदर्शनी एच पी गैस एजेंसी के संचालक के द्वारा अपने महंगे गैस चूल्हे Ujjwala Yojna की महिलाओ को बेचने का मामला प्रकाश में आया है। रायगढ़ शहर के कुछ साधारण परिवारों में, जहां महिलाएं Ujjwala Yojna योजना के तहत सस्ते गैस सिलेंडर का लाभ ले रही हैं, उन्हें अचानक रायगढ़ शहर के चक्रधर नगर स्थित “प्रियदर्शनी एच पी गैस एजेंसी” के संचालक द्वारा महंगे गैस के चूल्हे बेचने का मामला सामने आया है। एच पी गैस एजेंसी के संचालक द्वारा योजना के तहत फ्री में मिलने वाले गैस चूल्हों के स्टॉक के खत्म होने का हवाला देने की आड़ में अपने महंगे चूल्हों की बिक्री को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वही सभी महिलाओ को यह भी बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार के Ujjwala Yojna के अंतर्गत मिलने वाला गैस चूल्हा निहायत ही घटिए दर्जे का है एवं उक्त चूल्हा महीने भर में ही उपयोग के काम का नही रहेगा। “एचपी गैस” के एजेंसी के संचालक द्वारा गैस चूल्हों के स्टॉक के आने की समय अवधि भी नही बताई जा रही है व ना ही गैस सिलेण्डर दिया जा रहा है और तो और बुलाकर गैस कार्ड भी बनाकर नही दिया जा रहा है सिर्फ अपने महंगे गैस चूल्हे बेचने हेतु महिलाओ को Ujjwala Yojna में गैस देने के नाम पर बुला कर नियम का हवाला देते हुए मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, गरीब महिलाए योजना के लाभ से वंचित हो रही है, जिससे उनमें उज्जवला योजना को लेकर भारी असंतोष व्याप्त हो रहा है।

Ujjwala Yojna का मुख्य उद्देश्य है गरीब महिलाओं को पारिवारिक बोझ से मुक्त करना और उन्हें स्वास्थ्यपूर्ण शैली में खाना पकाने के लिए साफ और शुद्ध गैस प्रदान करना । यह योजना बेरोजगारी को कम करने और महिलाओं को सशक्त बनाने का भी एक माध्यम है। लेकिन रायगढ़ में हुए इस घोटाले से यह स्पष्ट हो रहा है कि योजना के लाभ का निष्पक्ष वितरण नहीं हो रहा है। महिलाओं के लिए Ujjwala Yojnaके अंतर्गत गैस सिलेंडर की कीमतों में तेजी से वृद्धि देखने के बाद, उनमें असंतोष और निराशा की भावना भी उत्पन्न हो रही है। उन्हें लगता है कि सरकारी योजनाओं के लाभ का निष्पक्ष वितरण नहीं हो रहा है और वे अपने हक के लिए लड़ने के लिए अकेले ही हैं।
इसके परिणामस्वरूप, उनका विश्वास सरकारी योजनाओं में कम हो रहा है और केंद्र सरकार के प्रति निराशा बढ़ रही है। यहां यह बताना भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि लोकसभा चुनाव हेतु चुनाव आयोग कभी भी आचार संहिता लगा सकता है इन सभी परिस्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर के प्रियदर्शनी गैस एजेंसी के संचालक का महिलाओ के प्रति रवैया बेहद क्रूरता को दर्शाता है जिसमे HP GAS के Aria Manager की भूमिका पूर्ण रूप से संदेह के दायरे में दिख रही है।
बहरहाल इस तथाकथित अमृत काल में आम जनता को केंद्र सरकार के ईमानदारी “मोदी की गारंटी” की उम्मीद एक टूटे हुए सपने जैसी प्रतीत हो रही है? राज्य और केंद्र में डबल इंजिन की सरकार होते हुए भी अगर केंद्र अपनी Ujjwala Yojna योजनाओं को ईमानदारी से लागु करने में नाकाम हो रहा है, इससे जनता को जो संदेश जा रहा है जिसका आने वाले समय में जनता जवाब दे ही देगी।
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